लखनऊ।

उत्तर प्रदेश के जीएसटी विभाग में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। सूत्रों के अनुसार, करीब 50 अधिकारियों ने 200 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की जमीन नामी-बेनामी तरीके से खरीदी है। इन जमीन सौदों में एक चर्चित बिल्डर की भूमिका भी सामने आ रही है।

बताया जा रहा है कि यह जमीनें लखनऊ के मोहनलालगंज और सुल्तानपुर रोड इलाके में खरीदी गईं। प्राथमिक जांच में यह भी सामने आया है कि कई अधिकारियों ने अपनी पत्नी, रिश्तेदार या अन्य परिचितों के नाम पर जमीन रजिस्ट्री कराई ताकि अवैध संपत्ति को वैध दिखाया जा सके।

सूत्रों के मुताबिक, इन खरीद-फरोख्त के अधिकतर सौदे कोरोना काल (2020 से 2023) के दौरान किए गए, जब अधिकारी लंबे समय तक एक ही जिले में तैनात रहे। उस दौरान इन पर नजर नहीं रखी जा सकी, जिसका फायदा उठाते हुए करोड़ों रुपये की जमीनें खरीदी गईं।

राज्य सरकार ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए एक विशेष जांच टीम (SIT) गठित की है। प्रारंभिक जांच में 11 अधिकारियों के खिलाफ ठोस साक्ष्य मिले हैं। जांच एजेंसी अब बाकी अधिकारियों के दस्तावेज़ और बैंक ट्रांजैक्शन की जांच कर रही है।

सूत्रों के अनुसार, जांच रिपोर्ट अगले कुछ हफ्तों में सरकार को सौंपी जाएगी। दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के साथ-साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आपराधिक केस दर्ज करने की तैयारी चल रही है।


 

सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि “राज्य सरकार शून्य सहनशीलता की नीति पर काम कर रही है। किसी भी भ्रष्ट अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा।