मुज़फ्फरनगर दंगों (2013) में गौरव और सचिन की हत्या आज भी राजनीति में चर्चा का विषय बनी हुई है। हाल ही में गौरव-सचिन के पिता का एक वीडियो सामने आया जिसमें उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि बीजेपी ने उनके परिवार के लिए कुछ नहीं किया, यहां तक कि जिले में केवल एक विधायक बचा है, जो भी अब हारने वाला है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पूर्व विधायक विक्रम सैनी कभी भी उनकी सुध लेने नहीं आए।

 

विक्रम सैनी का जवाब

इन आरोपों के बाद पूर्व विधायक विक्रम सैनी ने फेसबुक पर लंबी पोस्ट लिखकर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि—

  • “मेरे खिलाफ 2013 दंगों के दौरान गौरव-सचिन की हत्या के खिलाफ आवाज उठाने पर झूठे मुकदमे दर्ज किए गए। मेरे गाँव के 12 लोगों को सजा हुई थी, जिसमें दो मुस्लिम, एक वाल्मीकि और नौ सैनी समाज के लोग शामिल थे।”
  • “आप (गौरव-सचिन के पिता) यह क्यों कह रहे हैं कि मैं कभी पुण्यतिथि पर नहीं आया? मैं तो हर बार शामिल हुआ। मेरे साथ केंद्र सरकार के मंत्री डॉ. संजीव बालियान, पूर्व विधायक उमेश मलिक और कई बड़े नेता भी उपस्थित रहे।”
  • “आप बीजेपी और हिंदू समाज के योगदान को भूल गए हैं। भाजपा और संघ ने हमेशा आपको सम्मान दिया, यहां तक कि आपको रेलवे बोर्ड का सदस्य भी बनाया गया था।”

 

राजनीति में फिर गरमाहट

गौरव-सचिन की हत्या और उसके बाद हुए दंगे लंबे समय से पश्चिमी यूपी की राजनीति में एक निर्णायक कारक रहे हैं। माना जाता है कि 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को बड़ी जीत इन्हीं घटनाओं के बाद मिली थी।

अब गौरव-सचिन के पिता और विक्रम सैनी के बीच सार्वजनिक आरोप-प्रत्यारोप ने जिले की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे दिया है।